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मेरी आवाज शीर्षक के पाठकों को नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें एवं धन्यवाद ,
आज हमने जो अपने विचारों को जानने समझनें और अपने ह्रदय की गहराइयों में उतारने का प्रयास किया है . मैं आप सभी को अपनी विचारों की दो पंक्तियाँ अर्पित करना चाहूँगा –
मुझे परवाह नहीं जीत और हार की
हम तो मोहताज है सिर्फ आपके प्यार की
मित्रों,
आज मुल्क बहुत ही गंभीर दुस्वारियों के दौर से गुजर रहा है एक तरफ जातिवाद अपना सर उठा रहा है तो दूसरी तरफ देश के दुश्मन हमें धर्म और संप्रदाय के नाम पर एक दुसरे को बाँट रहे है ऐसे वक़्त में हम सभी को एक होकर भाईचारे एवं धर्म निरपेक्षता का सन्देश मुल्क के कोने – कोने में देना चाहिए क़ि—-
मेरे तकदीर के कातीब मेरी पहचान लिख देना
धर्म निरपेक्षता का यह मेरा ऐलान लिख देना
मुझे मंदिर भी प्यारा है मुझे मस्जिद भी प्यारा है
कहीं भगवान लिख देना कही रहमान लिख देना .
साथियों,
हम खुदा के नेक बन्दे हैं खुदा ने हमें जो नूरानी चेहरा अता फ़रमाया है जिसके बदौलत संसार के सभी प्राणियों में इन्सान को बेहतरीन प्राणी क़ि संज्ञा दी गयी है ,लेकिन दुनिया क़ि अंधी दौड़ में हम अपने कर्तव्यों से बिमुख होते जा रहे हैं .खुदा ने हमें सिर्फ इन्सान बनाया है न क़ि हिन्दू बनाया है न मुसलमान बनाया है . इंसानियत के सन्देश को दूर – दूर तक फ़ैलाने के बजाय हम इंसानियत के दुश्मन बनते जा रहे हैं कभी – कभी हमारे मन में विचारों क़ि लहरें उठती हैं क़ि —–
क्या क्या बनाने आये थे क्या क्या बना बैठे
कही मंदिर बना बैठे कहीं मस्जिद बना बैठे
हम इंशा से तो वो परिंदे अच्छे है
जो कभी मंदिर पर जा बैठे कभी मस्जिद पर जा बैठे
आज समय की मांग है की हम सभी मिलकर देश के कोने – कोने में अमन का कारवां निकाले और भाई -चारे का सन्देश जन -जन तक पहुचायें तथा नयी पीढ़ी को यह सन्देश दे कि —
हिन्दू – मुस्लिम, सिक्ख, ईसाई
हम आपस में भाई – भाई
हम में जो भेद भाव फैलाएगा .
वह चूर – चूर हो जायेगा .
हैप्पी न्यू ईअर 2012
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