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अपनी बात

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अपनी बात के पाठकों को जमालुद्दीन अंसारी के तरफ से नमस्कार ,

साथियों,
आज मै आप लोगों के सम्मुख अपने अनुभवों पर आधारित कुछ सूक्तियों को पेश कर रहा हूँ , इसे आत्मसात करते हुए अपने विचार हमें जरुर प्रेषित कीजिएगा .

१. सत्य एक कड़वा फल है जिसका सेवन कुछ ही लोग करते हैं ;क्योंकि यह अपनो को भी बेगाना ( पराया ) बना देता है .

२. संसार में किसी का न तो कोई दोस्त है और न कोई दुश्मन, अवसर के अनुसार सभी दोस्त और दुश्मन बनते रहते हैं .

३. स्वार्थ और अहंकार मीठे जहर हैं जो इन्सान को बिना मौत मरते हैं .

४. लक्ष्य साधने में अनेकों अड़चनें आती हैं , लेकिन जो सच्चे लक्ष्य साधक होते हैं वे अपने लक्ष्य की ओर ध्यान देते हैं और अड़चनें स्वतः समाप्त हो जाती हैं .

५. इन्सान खुदा की सबसे बेहतरीन नेमतों में से एक है , अतः इस पर रहम करो .

६. मनुष्य संसार में अकेला आया है और अकेला ही जायेगा , तो फिर किसी कार्य को करने में दूसरों का इंतजार क्यों करता है ?

७. नारी शक्ति अपरिमित है , जो नारी शक्ति को जानता है वह कभी उसकी उपेक्षा नहीं कर सकता .

८. खुदा ने इन्सान को नेमत के रूप में अक्ल दिया है जो किसी अन्य प्राणी में नहीं है , इसका इस्तेमाल करके इन्सान कुछ भी कर सकता है , तो फिर निराश होने की आवश्यकता ही क्या है ; इसलिए अक्ल का इस्तेमाल करते रहिये .

९. इन्सान की सबसे बड़ी दौलत उसका ईमान है , अगर इन्सान ईमान को बेचता है तो कंगाल हो जायेगा .

१०.इन्सान दुनिया की चाहे कोई कितनी भी बड़ी डिग्री क्यों न प्राप्त कर ले ; लेकिन उसे अगर ब्यवहारिक ज्ञान नहीं है तो वह समाज में हमेशा उपेक्षित होता रहेगा .

11. दुनिया एक खुबसूरत मायाबी पुष्प है ; और इन्सान मदमस्त भवरें .

12. अपने विचारों को दूसरों पर थोपने का प्रयास न करें ; अन्यथा आप समाज से अलग हो जायेंगे .
जमालुद्दीन अंसारी

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