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भ्रष्ट हम नहीं हमारी मानसिकता है …….

LIFE VIEW
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भ्रष्टाचार का खेल निराला , जहाँ देखो वही है घोटाला |
तोप चीनी वर्दी अलकतरा , पशुपालन या फोन का लफरा ।
प्रतिभूति या खाद हवाला , हर शब्दोँ के साथ घोटाला ।
न्यायालय या सी बी आई , किस पर आस लगाऊँ भाई ?
कौन करेगा देश भलाई , नेता ? संसद ? या कि सिपाही ?
क्या इसीलिए आजाद हुए थे ? अपना खूँ बर्बाद किए थे ।
तू भारत नीलाम करोगे , खुद ऐशो आराम करोगे ।
आतंकवाद का यही मूल है , जनता की आँखोँ मेँ धूल है ।
आरक्षण मेँ दम नहीँ भाई , पकड़ सके जो इनकी कलाई ।
आओ सब इनको पहचानेँ , अब न देँ सत्ता हथियानेँ ।
योग्य जन अधिकारी होगा , धन सबका सरकारी होगा ।
देश का होगा तब कल्याण ,हम सब मिलकर रखे ध्यान |
बहके न कभी किसी का पाँव,पूरा करे वीर सपूतों का अरमान |

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